ढलती उम्र से गुजरती स्त्री के भाव... ढलती उम्र से गुजरती स्त्री के भाव...
उन हाथों में वो बात नहीं जो जीवनभर मसरूफ रहे, उस दर दीवार में वो बात नहीं जो जीवनसा उन हाथों में वो बात नहीं जो जीवनभर मसरूफ रहे, उस दर दीवार में वो बात नहीं ...
एक घर में जन्म लेकर,दो घर को सजाती है, एक घर में जन्म लेकर,दो घर को सजाती है,
यादें तेरी। यादें तेरी।
उम्र का हर पड़ाव अपना असर दिखाता है बचपन और जवानी तो कट जाते हैं जैसे तैसे पर बुढ़ापा उम्र का हर पड़ाव अपना असर दिखाता है बचपन और जवानी तो कट जाते हैं जैसे तैसे ...
स्त्री-पुरुष संबंधों पर लिखी अर्पण कुमार की कविताएँ स्त्री-पुरुष संबंधों पर लिखी अर्पण कुमार की कविताएँ